एलपीयू के छात्रों ने सस्टेनेबल एग्रीकल्चर के लिए एआई-से चलने वाली इनोवेशन के साथ मलेशिया में आयोजित ग्लोबल फ्यूचर फोरम 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व किया
ब्यूरो(गोलमाल न्यूज़): एग्रीकल्चर टेक्नॉलोजी में भारत के बढ़ते इनोवेशन का एक शानदार प्रदर्शन करते हुए, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) के छात्रों मेघा ठाकुर और निशिकांत यादव ने मलेशिया में आयोजित प्रतिष्ठित ग्लोबल फ्यूचर फोरम 2025 में अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व किया। एम.एस.सी. फ्रूट साइंस के दूसरे वर्ष के छात्रों ने बागवानी उत्पादों की शेल्फ-लाइफ बढ़ाने के लिए स्मार्ट एआई टैग के उपयोग पर अपना शानदार रिसर्च पेश किया, जिससे दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक ग्लोबल फूड वेस्ट का एक प्रभावी समाधान पेश किया।
यह फोरम 30 से अधिक देशों के दुनिया के रिसर्चर, इनोवेटर्स, पॉलिसी मेकर्स और इंडस्ट्री के लोगों का एक मंच था। इसमें ग्लोबल फूड सिस्टम और पर्यावरण मैनेजमेंट के लिए एक सस्टेनेबल और सुरक्षित भविष्य के निर्माण हेतु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी और डिजिटल प्रणालियों जैसी नई तकनीकों का उपयोग करने की जानकारी दी गई।
डॉ. प्रवीण वर्मा के मेंटरशिप में चल रहा यह रिसर्च, एआई एल्गोरिदम को आईओटी-आधारित सेंसरों के साथ इक्ट्ठा करने पर आधारित है, जो ताज़ी फसल के आसपास तापमान, ह्यूमिडिटी और एथिलीन गैस जैसे महत्वपूर्ण चीजों की निरंतर निगरानी करते हैं। ये इंटेलीजेंट टैग, फलों और सब्जियों की वास्तविक समय की ताज़गी का टेस्ट करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जिससे लोगों को फल सब्जियों को खराब होने से बचाने के लिए कार्रवाई योग्य डेटा मिलता है।
एलपीयू की प्रो-चांसलर कर्नल डॉ. रश्मि मित्तल ने कहा, “इनोवेशन तब सचमुच सार्थक होता है जब वह लोगों और पृथ्वी, दोनों के लिए उपयोगी हो। एलपीयू में हमें युवा विद्यार्थियों की तकनीक को सस्टेनेबिलिटी और सामाजिक भलाई की ओर ले जाते देखकर गर्व होता है। उनका काम ग्लोबल पाटर्नरशिप की भावना और एक अधिक सुरक्षित और सस्टेनेबल भविष्य की मिक्स रिसर्च को पेश करता है।
विद्यार्थियों के प्रेजेटेशन की एक मुख्य और शानदार बात यह थी कि उनकी तकनीक में वैश्विक बागवानी उत्पादों के 25-40% की भारी हानि से रोकने की क्षमता है, जो वर्तमान में कटाई के बाद नष्ट हो जाते हैं। मशीन-लर्निंग मॉडल का उपयोग करके, उनका सिस्टम विभिन्न प्रकार के उत्पादों के लिए बढ़िया भंडारण स्थितियों की भविष्यवाणी कर सकता है और लगातार अलर्ट भेज सकता है, जिससे बर्बादी कम होती है, और खाने की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान होता है।
अपना अनुभव साझा करते हुए, छात्रों ने कहा, “इस अवसर से हमें कृषि इनोवेशन में भविष्य के ट्रेंडस के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करने का अवसर मिला। इस अनुभव ने हमें बागवानी क्षेत्र की महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने के लिए स्थायी, एआई-संचालित समाधान विकसित करने के लिए प्रेरित किया है।” एलपीयू हमेशा ही इनोवेटर्स की अगली जनरेशन को बढ़ावा देने में विश्वास रखता है, तथा वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर रिसर्च के लिए एक मंच उपलब्ध करा रहा है।