





बयूरो : जालंधर के उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एक उपभोक्ता के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाया है। जहां एक नई होंडा एक्टिवा में मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट मिलने पर कंपनी और डीलर को ग्राहक को पूरी कीमत जुर्माने व कानूनी खर्चे संग वापस करने का आदेश दिया है। जानकारी अनुसार पृथ्वी नगर के रहने वाले साहिल ने अगस्त 2024 में 76,619 रुपये में एक नई एक्टिवा खरीदी थी। लेकिन कुछ ही समय बाद, स्कूटर के इंजन में खराबी आनी शुरू हो गई। एक्टिवा गर्म होने पर बार-बार बंद हो जाती थी, जिससे साहिल को बार-बार सर्विस सेंटर जाना पड़ा। साहिल ने शिकायत की कि उन्होंने कई बार स्कूटर की रिपेयरिंग के लिए सर्विस सेंटर का रुख किया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। इसके बाद, साहिल ने अक्टूबर 2024 में उपभोक्ता कोर्ट में केस दायर किया। उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने अपनी सुनवाई में माना कि बार-बार सर्विस सेंटर ले जाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वाहन में मैन्युफैक्चरिंग या कोई अन्य डिफेक्ट था। आयोग ने कहा कि उपभोक्ता को डिफेक्ट-फ्री प्रोडक्ट मिलना चाहिए था और यह बिक्री उपभोक्ता के अधिकारों का उल्लंघन है। आयोग ने होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसके डीलर रागा मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड को आदेश दिया है कि वे ग्राहक साहिल को 76,619 रुपये की स्कूटर की कीमत के अलावा 15,000 रुपये हर्जाना और 8,000 रुपये मुकदमे का खर्च भी अदा करें। इसके लिए 45 दिनों का समय दिया गया है।