जालंधर: लापरवाही Fortis Shrimann हॉस्पिटल के डाक्टर की, Insurance हेतु बना दी गलत रिपोर्ट, Star Health ने क्लेम किया रद्द, मानसिक परेशानी से ग्रस्त हुआ पीड़ित, उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज, पढ़ें व देखें
बयूरो (गोलमाल न्यूज़): जालंधर के फोर्टिस श्रीमन अस्पताल के डाक्टरों की एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। जालंधर के मशहूर कारोबारी की जांच रिपोर्ट में ऐसी बीमारी लिख दी गई, जो असल में उस कारोबारी को थी ही नहीं। गलत हेल्थ रिपोर्ट के कारण कारोबारी को जहां मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा, वहीं उसकी हेल्थ इंश्योरेंस भी रद्द हो गई।
जानकारी अनुसार उपभोक्ता फोरम में एक शिकायत दर्ज करवाई गई है जिसमें फोर्टिस श्रीमन अस्पताल के डाक्टरों की घोर लापरवाही से मशहूर कारोबारी पवन कुमार को जहां मानसिक परेशानी हुई, वहीं उनका हैल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने रद्द कर दिया। पवन कुमार को इस बात की जानकारी तब हुई, जब हेल्थ इंश्योरेंस ने उनका क्लेम नहीं दिया।
इस बारे गुरु गोबिंद सिंह एवेन्यू निवासी पवन कुमार ने बताया कि उनको सीने सें तकलीफ थी। जिसकी जांच के लिए पठानकोट रोड पर स्थित फोर्टिस श्रीमन अस्पताल गए। वहां उनकी जांच डा. वीपी शर्मा द्वारा की गई। उन्हें मामूली दर्द था। उन्हें अगले दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। लेकिन अस्पताल के डाक्टर ने इंश्योरेंस क्लेम हेतु बनाई उनकी हेल्थ रिपोर्ट में डीवीडी (DVD) यानी डबल वेसल डिसीज नामक गंभीर बीमारी लिख दी।
इसके बाद पवन कुमार ने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस में क्लेम दाखिल किया। लेकिन स्टार हेल्थ इंश्योंरेंस ने यह कह कर क्लेम रिजेक्ट कर दिया कि उन्हें डीवीडी नामक गंभीर बीमारी है। इसके बाद पवन कुमार ने फोर्टिस श्रीमन अस्पताल के डा. वीपी शर्मा को हेल्थ रिपोर्ट दिखाई, तो डा. शर्मा ने माफी मांगते हुए कहा कि ये टाइप में गलती हो गई, उन्हें ऐसी कोई बीमारी नहीं है। इस पर डा. वीपी शर्मा ने हेल्थ रिपोर्ट को करेक्ट कर दोबारा सही रिपोर्ट दे दी। पवन कुमार ने इंश्योरेंस कंपनी को दोबारा सही रिपोर्ट पेश की, लेकिन इंश्योरेंस कंपनी ने क्लेम देने से मना कर दिया। पवन कुमार ने कहा कि फोर्टिस श्रीमन अस्पताल के कारण उन्हें मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा है। साथ ही वे कई दिनों तक सदमे रहे। उन्होंने फोर्टिस श्रीमन सुपरस्पेशलिटी अस्पताल और स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में केस दायर किया है।
इस बारे जब फोर्टिस श्रीमन हॉस्पिटल प्रबंधन से सम्पर्क करने की कोशिश की गई तो ऑनलाइन उपलब्ध नंबर पर मौजूद महिला ने डाक्टर से बात करवाने की उन्हें इजाज़त न होने की बात कही। अगर डाक्टर या हॉस्पिटल प्रबंधन अपना पक्ष रखना चाहता है तो हमें सम्पर्क कर सकता है।